हमसे जलने वालों का भी क्या कसूर,
क़दम-क़दम पर हम जैसा दिखता ही नहीं कोई दूर–दूर।
मेरी ख़ामोशी को कमजोरी मत समझ,
शोर तब ही मचाता हूँ जब बात इज़्ज़त की हो।
अंदाज़ अपना ऐसा है कि
लोग हमें देखकर नहीं… सोचकर जलते हैं।
जो लोग हमारी गिरने की दुआ करते थे,
आज वही हमें देखकर उठना सीख रहे हैं।
हम अलग हैं, इसलिए दिखते हैं,
वरना भीड़ में नाम किसका होता है?
मेरी लाइफ़ में मैं ही V.I.P हूँ,
किसी और की एंट्री सिर्फ़ मेरी मर्ज़ी से।
हमारी काबिलियत का मज़ाक उड़ाने वाले,
आज हमारी हर जीत पर तालियाँ बजा रहे हैं।
स्टाइल इतना भी मत समझ लेना कि हम बदल गए,
बस लोगों की औक़ात समझ आ गई है।
हम वहीं खड़े रहते हैं जहां दिल साफ़ हो,
दिल गंदे हों तो हम रास्ता बदल देते हैं।
किसी को इग्नोर करना हमारा शौक़ नहीं,
बस जिसकी फ़ितरत खराब हो—वो हमारे लायक नहीं।
